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डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में 1000 शब्दों में लिखें?

हेलो फ्रेंड आज के इस पोस्ट में बात करेंगे डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में डॉक्टर चंद्र प्रसाद क्या थे वह किस किस पद पर थे और कहां से अभिलंब करते हैं इनके बारे में पूरी जानकारी आज के इस पोस्ट में हम देखेंगे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जन्म 1884 में बिहार के जीरादेई नामक गांव में हुआ था यह दो भाई थे यह दो भाइयों में सबसे छोटे थे उनके पिता की देहांत हो चुकी थी इनके बड़े भाई ने उनका लालन-पालन किया था और इन्हें पढ़ाया लिखाया था इनके बड़े भाई का नाम महेंद्र प्रसाद था महेंद्र प्रसाद नहीं राजेंद्र प्रसाद को पढ़ाया लिखाया था और इतने बड़े एक इतिहास रच दिया राजेंद्र पढ़ता तो चलिए उनके बारे में कुछ चर्चा करते हैं राजेंद्र प्रसाद की पढ़ाई की शुरुआत जीरादेई नामक से सरकारी स्कूल से शुरू हुई थी और उन्होंने मैट्रिक एग्जाम में सबसे टॉप नंबर आकर अपना नाम पूरा एरिया भर में कमा लिया था इनकी पढ़ाई ठीक-ठाक थी इनकी पढ़ाई को देखते हुए इनके बड़े भाई महेंद्र प्रसाद ने इनको दूसरे स्टेट पढ़ने के लिए भेज दिया राजेंद्रप्रसाद में मल्लाका पढ़ने लगे और सभी परीक्षाओं में टॉप नंबर लाकर अपना नाम कमा लिया है उसके बाद राजेंद्र प्रसाद ने पटना में वकालत शुरू की ̊राजेंद्र प्रसाद की युवा काला चमक उठी और अच्छे थेराजेंद्र प्रसाद की युवा काला चमक उठी और अच्छे खासे पैसे कमाने लगे घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी राजेंद्र प्रसाद वकालत करते थे राजेंद्र प्रसाद पटना में वकालत करते थे ̊तभी महात्मा गांधी पटना में किसी आंदोलन के क्रम में आए थे वहीं पर महात्मा गांधी से डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की मुलाकात हो गई और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद वकालत शुरू किए थे लेकिन उसे छोड़कर महात्मा गांधी के भक्त बन गए और देश सेवा करने की जिद पकड़ लीतभी महात्मा गांधी पटना में किसी आंदोलन के क्रम में आए थे वहीं पर महात्मा गांधी से डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की मुलाकात हो गई और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद वकालत शुरुतभी महात्मा गांधी पटना में किसी आंदोलन के क्रम में आए थे वहीं पर महात्मा गांधी से डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की मुलाकात हो गई और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद वकालत शुरु किए थे लेकिन उसे छोड़ करतभी महात्मा गांधी पटना में किसी आंदोलन के क्रम में आए थे वहीं पर महात्मा गांधी से डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की मुलाकात हो गई और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद वकालत शुरु किए थे लेकिन उसे छोड़कर महात्मा गांधी के भक्त बन गए और देश सेवा करने की जिद पकड़ ली वकालत को लात मारकर वो राजनीति में चले गए और देश की सेवा करने लगे तभी कुछ ही दिनों बादतभी कुछ ही दिनों बाद हमारा देश स्वतंत्र हुआयानी 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हो गयाउसके बाद प्रधानमंत्री बनने की बारी थी उसके बाद प्रधानमंत्री बनने की बारी थी तो महात्मा गांधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया है ̊और राजेंद्र प्रसाद को एक छोटे से पोस्ट यानी खाद मंत्री बना दिया गया था ̊चार पांच साल बीतने के बाद बारी आई राष्ट्रपति चुनाव की ̊राष्ट्रपति वही बनता है जो पढ़ा लिखा होता है पढ़े-लिखे वहां पर तो बहुत लोग थे लेकिन सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे राजेंद्र प्रसाद ही थे ̊इसलिए उनको भारत का राष्ट्रपति बना दिया गया और वे देश के प्रथम राष्ट्रपति भवन के एक छोटे से परिवार से निकल कॉलइसलिए उनको भारत का राष्ट्रपति बना दिया गया और वे देश के प्रथम राष्ट्रपति भवन के एक छोटे से परिवार से निकल कल वह पूरा इतिहास रच दिया ̊पहले वकालत शुरू की थी वकालत को लात मार मारकर खाद मंत्री बने खाद मंत्री के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बन गए डॉ राजेंद्र प्रसाद ̊डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का घर बिहार के सिवान जिले के जीरादेई नामक गांव में था वहां पर महात्मा गांधी 2 दिनों के लिए आए थे राजेंद्रप्रसाद राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए बहुत सारी नाम कमाए और बहुत सारे अच्छे अच्छे काम किए ̊जब राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बने थे उस समय महात्मा गांधी की हत्या हो चुकी थी ̊राष्ट्रपति बनने के बाद में राजेंद्र प्रसाद की मौत दिल्ली हो गई थी वहराष्ट्रपति बनने के बाद में राजेंद्र प्रसाद की मौत दिल्ली हो गई थी वहां अपने गांव लौट कर नहीं आए थे वह भी मैं बताता हूं कैसे उनकी मृत्यु हुई थी ̊राष्ट्रपति बनने के बाद वही एक ही बार अपने गांव जीरादेई आए हुए थे ̊उसके बाद 1863 में दिल्ली में उनकी मृत्यु हो गई ̊गया यह सुधा नेता सदा के लिए भगवान के प्यारे हो ̊इसके बाद राजेंद्र प्रसाद की कहानी खत्म हो गई इसके बाद बहुत सारे ऐसे राष्ट्रपति आए जैसे अब्दुल कलाम और भी त्यागी राष्ट्रपति बने ̊उम्मीद है कि आप देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में पूरी जानकारी पता हो गई होगी आपको ऐसे ही यार जानकारी पाने के लिए हमारे पोस्ट पर बने रहिएगा धन्यवाद बहुत ही जल्द मिलेंगे नेक्स्ट पोस्ट में डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में आप जरूर पढ़ लीजिएगा हमारे इस पोस्ट को कृपया किसी भी जान में बैठेंगे तो आपको पूछे देगा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में 1000 शब्दों में लिखिए तो आप हमारे पोस्ट को लिख सकते हैं क्योंकि इसमें डॉक्टर जिंदा प्रताप के बारे में चर्चा किया गया है धन्यवाद

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